


यमुना नदी में पानी का जलस्तर बढ़ने के कारण जिला प्रशासन ने मयूर विहार फेस 1 में 100 बाढ़ राहत शिविर लगाए हैं। इन कैंपों का उद्देश्य बाढ़ से प्रभावित लोगों को तुरंत सहायता और सुविधाएं उपलब्ध कराना है। जिला प्रशासन की ओर से मेडिकल सुविधाओं के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट भी लगाई गई है, जिससे प्रभावित क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। साथ ही, खाने-पीने की व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की गई हैं ताकि जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जा सके।
इन कैंपों में रोजाना मेडिकल जांच और उपचार भी किया जा रहा है। डॉक्टर आसिफ खान ने समाचार एजेंसी से बातचीत में बताया कि ये मेडिकल कैंप मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में स्थापित किए गए हैं। उनका मुख्य मकसद लोगों को प्राथमिक उपचार प्रदान करना है, ताकि किसी भी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को तुरंत मदद मिल सके।
डॉ. आसिफ खान ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी मरीज इलाज के लिए परेशान न हो। सामान्य बीमारियों का इलाज हम कैंप में ही कर देते हैं। अगर किसी मरीज की हालत गंभीर होती है, तो उसे तुरंत एंबुलेंस के जरिए नजदीकी अस्पताल में भेजा जाता है, ताकि उसका बेहतर इलाज हो सके।”
डॉक्टरों की एक टीम लगातार काम कर रही है ताकि सभी मरीजों का सही समय पर इलाज हो सके। वे यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी प्रकार की चिकित्सा सेवा में कोई बाधा न आए।
इस तरह जिला प्रशासन और डॉक्टरों की टीम मिलकर बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मेडिकल कैंप और अन्य राहत कार्यों से प्रभावित लोगों को राहत मिल रही है और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। वहीं, यमुना के जलस्तर बढ़ने की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तत्परता के साथ लोगों की सुरक्षा और सेवा में जुटा हुआ है।